5 Essential Elements For sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
न कवचं नार्गला-स्तोत्रं, कीलकं न रहस्यकम्।
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
It is amazingly secretive – we really need to go deeply inside and have an understanding of the indicating of those mantras.
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं here जं जम्भनादिनी।